' r a n g a t '
"ek vikhra A li "rangat" mitesh ni"
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20 September, 2011
શૂળની જેમ વાગી હોત તો સારૂ થાત ,
તારી બેવફાઈ ફાંસની જેમ ખૂંચે છે.......
" r a n g a t "
04 September, 2011
"हवाओ
पे
लिख
के
तेरा
नाम,
हमने
आंधियो
को
जगा
दिया,
बसी
बसाई
बस्ती
को,
हमने
इस
कद्र
उजाड़
दिया......."
" r a n g a t "
04 March, 2011
कोहरासा छा गया जिंदगी मे
तस्वीर इक धुंदलीसी हो गई,
गिरती रही शबनम रातभर आखों मे
सुबह होते -होते नदीसी बह गई,
चलता रहा राही मंजिल की ओर लहेरो पे
मजधार आते-आते लहेरे बन्धसी हो गई,
डूबनेके सिवा ओर कोई चारा न रहा
मरनेके बाद लाश पानी पे तैर गई।
कोहरासा छा गया जिंदगी
मे
तस्वीर इक धुंदलीसी हो गई.......
" r a n g a t "
साया भी कहा मेरा मेरे साथ चलता है,
पीछे रह जाता हू मैं दो कदम,
दो कदम वो मुजसे आगे चलता है।
" r a n g a t "
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